- 183 Posts
- 707 Comments
आर्थिक मोर्चे पर कड़े फैसले लेने के बाद अब सरकार व संगठन का चेहरा बदलने जाने की संभावनाओं के बीच एक खबर ये भी आई है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटा कर केन्द्रीय मंत्री अथवा महामंत्री बनाया जा सकता है। और अगर गहलोत को राजस्थान से हटाया जाता है तो उनके स्थान पर मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके कयास भी शुरू हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो फिलहाल सबसे दमदार दावेदार केन्द्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सी पी जोशी को माना जा रहा है।
जहां तक गहलोत के हटने का सवाल है तो यह साफ है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस में असंतोष की आग सुलग रही है। उनके खिलाफ अब तक अनेक शिकायतें हाईकमान को दी जा चुकी हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने एकाधिक लोकप्रिय योजनाएं शुरू कीं, मगर उन्हें भुना नहीं पाए। उनके मुख्यमंत्री रहते इस बार कांग्रेस का जातीय समीकरण भी गड़बड़ा गया है, जो कांग्रेस को दुबारा नहीं जीतने देगा। कांग्रेस के तीन बड़े वोट बैंक मुसलमान, जाट व गुर्जर कटने लगे हैं। ऐसे में यह तो समझा जा रहा था कि इन जातियों को खुश करने के लिए कुछ अहम बदलाव होंगे, मगर इसी बीच खुद गहलोत के हटने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के राजस्थान दौरे के वक्त संदेश यही गया कि वे गहलोत से खुश हैं, मगर राजस्थान को कुछ पैकेज नहीं मिला, उससे कुछ संदेह भी होने लगा था। वैसे चूंकि गहलोत पर निजी तौर पर कोई बड़ा दाग नहीं है और उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गजों में होती है, इस कारण उन्हें यहां से हटा कर केन्द्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की पूरी संभावना है।
नए मुख्यमंत्री की बात करें तो यह सर्वविदित है कि सी पी जोशी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के करीबी हैं, इस कारण उन्हें मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। फिलवक्त उनके मुकाबले का शातिर नेता दूसरा कांग्रेस के पास है भी नहीं। मगर उनको मुख्यमंत्री बनाने से पहले इसका आकलन जरूर किया जाएगा कि इसका आगामी विधानसभा चुनाव में पूरा लाभ भी मिलेगा या नहीं। उनके अतिरिक्त गिरिजा व्यास का नाम भी चर्चा में है। वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं और केन्द्र में भी मंत्री पद संभाल चुकी हैं। यूं उछलने को तो केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट का नाम भी आ रहा है, मगर एक मुख्यमंत्री के रूप में जितनी परिपक्वता होनी चाहिए, वह उनमें नहीं मानी जाती। इसके अतिरिक्त पुराने खांटी मंत्री उन्हें बर्दाश्त करेंगे, इसमें भी संदेह है। उन्हें अधिक से अधिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। फेरबदल में नागौर की सांसद ज्योति मिर्धा को भी स्थान मिलेगा, चाहे केन्द्र में चाहे राज्य में, इस बात के पूरे आसार हैं। उन्हें तवज्जो देकर मारवाड़ के जाटों को खुश करने की कोशिश की जा सकती है। बहरहाल, फिलवक्त जोशी ही मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं।
-तेजवानी गिरधर
Read Comments