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सी पी जोशी के राजस्थान लौटने के आसार

the third eye
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केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी के एक बार फिर राजस्थान में सक्रिय होने के आसार नजर आ रहे हैं। विशेष रूप से पिछले दिनों कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी के दौरे में जोशी को मिली अहमियत को इसी अर्थ में लिया जा रहा है। साथ ही हाल ही नाथद्वारा विधानसभा सीट के चुनाव को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में पेश जोशी की याचिका के तहत मौजूदा विधायक कल्याण सिंह चौहान का चुनाव रद्द कर दिए जाने फैसले के बाद इस आसार को और बल मिला है।
यूं तो जोशी केन्द्रीय मंत्री होने के बावजूद राजस्थान में विशेष रुचि लेते रहे हैं। पिछले दिनों जब वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब तो सीधे तौर पर उनका दखल था ही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से टकराव की स्थितियां भी बनती रहीं। इसके चलते आखिरकार एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। बावजूद इसके वे लगातार राजस्थान में मामलों से सीधे जुड़े रहते हैं। इस कारण यह संभावना बनी ही रही है कि अब भी उनका मोह राजस्थान से भंग नहीं हुआ है। हाल ही जब सोनिया गांधी ने अपने दौरे में मौजूदा अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को तवज्जो नहीं दी, जबकि जोशी को ऐन वक्त पर भी बाड़मेर की सभा में बोलने दिया, उससे हाईकमान में उनकी पकड़ को बड़े गौर से देखा गया था। माना जाता है कि विशेष रूप से कांग्रेस युवराज राहुल गांधी से उनकी ट्यूनिंग अच्छी है। डॉ. चंद्रभान की कमजोरी उजागर होने और हाल ही नाथद्वारा विधानसभा सीट का फैसला आने के बाद इस बात की संभावना को बल मिला है कि उन्हें राजस्थान की कमान फिर से सौंपी जा सकती है। यूं भी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में फेरबदल की पूरी संभावना है। समझा जाता है कि केन्द्रीय मंत्रीमंडल में आगामी फेरबदल में उनको वहां से मुक्त करके राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। बताया जाता है कि राजस्थान को संभालने बाबत जोशी की राहुल गांधी से चर्चा भी हुई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की राहुल से मुलाकात के दौरान यह पूछे जाने पर कि किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए तो अधिसंख्य की राय यही थी कि जोशी ही बेहतर रहेंगे।
यहां उल्लेखनीय है कि जोशी नाथद्वारा के चुनाव में मात्र एक वोट से हार गए थे। माना यही जाता है कि अगर वे नहीं हारते तो मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार होते। अब जब कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आ गया है, उनका राजनीतिक कद बढ़ा है। स्पष्ट रूप से संदेश यह गया है कि चुनाव में धांधली नहीं होती तो वे जीत जाते। कोर्ट का फैसला आने पर उनके समर्थकों ने नाथद्वारा व राजसंमद में आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया था।
हालांकि मौजूदा भाजपा विधायक कल्याण सिंह हाई कोर्ट के फैसले को एक माह के भीतर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं और संभव है, वे जाएं भी। मगर संभावना यही मानी जा रही है कि वहां भी जोशी कामयाब हो जाएंगे। ऐसे में उनके पास यह विकल्प खुला रहेगा कि लोकसभा सीट छोड़ कर राजस्थान आ जाएं। जैसी कि उनकी राजस्थान में रुचि है, वे ऐसा करने को ही प्राथमिकता देंगे। इसकी वजह यह है कि यहां आज भी उनको गहलोत का सशक्त विकल्प माना जाता है। कुल मिला कर फिलहाल संकेत यहीं हैं कि जोशी की राजस्थान वापसी हो सकती है।
-तेजवानी गिरधरC P Joshi 2 a

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